महाराष्ट्र में दिल्ली मरकज जैसा मामला, अब तक सत्संग स्थल पर मौजूद थे 1300 श्रद्धालु

महाराष्ट्र में दिल्ली मरकज जैसा मामला, अब तक सत्संग स्थल पर मौजूद थे 1300 श्रद्धालु

इन लोगों को भेजने के लिए 44 सीट वाली एक बस में 22 यात्रियों को बैठाकर पुणे की जाधववाडी भेजा जा रहा है. फिलहाल 32 बसें उपलब्ध हुई हैं, जिसकी वजह से सभी साधकों को वापस भेजने के लिए तीन दिन लगेंगे. इन सभी साधकों पर प्रशासन ध्यान दिए हुए है.

  • फंसे लोगों को उनके गांव भेजने का काम शुरू
  • उचित टेस्ट करने के बाद गांव भेज रहा प्रशासन
लॉकडाउन के कारण देश के कई इलाकों में लोग जहां-तहां फंसे हैं. प्रदेश की सरकारें इनके लिए उचित प्रबंध कर रही हैं ताकि कोरोना के संक्रमण का खतरा पैदा न हो. कुछ राज्यों में लोगों को वहीं रोक कर खाने-पीने का इंतजाम किया जा रहा है तो कहीं लोगों को उनके गृह प्रदेश भेजने का भी काम हो रहा है. कुछ ऐसा ही वाकया महाराष्ट्र के लातूर जिले का है. यहां राठोडा गांव में लॉकडाउन में फंसे करीब 1300 लोगों को निजी बस से उनके गांव जाधववाडी भेजा जा रहा है. जाधववाडी पुणे जिले में आता है.
जिन लोगों को निजी बसों से भेजा जा रहा है वे सभी सभी लोग राठोडा गांव में महानुभव पंथ के सत्संग कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए थे. बता दें, फरवरी महीने से यहां सत्संग चल रहा था. सत्संग के चलते लॉकडाउन की घोषणा की गई तो ये लोग यहीं फंस गए. चार-पांच दिन पहले यहां जोरों से बारिश हुई और बरसात में सत्संग का मंडप उखड़ गया. खाना बनाने का सामान भी खराब हो गया. इसकी वजह से इन महानुभवी साधकों को सिर छुपाने के लिए मंदिर और स्कूलों का सहारा लेना पड़ा.

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